एक साधारण व्यक्ति और एक भिखारी की कहानी,और हमारे समाज में फैले हुए बड़े बुजुर्गों पर हो रहे अत्याचार ... एक साधारण व्यक्ति और एक भिखारी की कहानी,और हमारे समाज में फैले हुए बड़े बुजुर्गों...
अरे !“नहीं, मैं तो बैडबाय कहूँगी इस कोरोना काल को “और किरण खिलखिला पड़ी। अरे !“नहीं, मैं तो बैडबाय कहूँगी इस कोरोना काल को “और किरण खिलखिला पड़ी।
क्योंकि नहीं रहेगी तो आप किसी भी व्यक्ति को कुछ क्रोध से कह नहीं सकते हैं। क्योंकि नहीं रहेगी तो आप किसी भी व्यक्ति को कुछ क्रोध से कह नहीं सकते हैं।
क्यों,बहुत डरे-डरे से लग रहे हो?मैंने पूछ लिया।कहीं कुत्ता-उत्ता तो नहीं है ना?उसने मुझ क्यों,बहुत डरे-डरे से लग रहे हो?मैंने पूछ लिया।कहीं कुत्ता-उत्ता तो नहीं है ना?उ...
सच्चे इंसान कि पहचान दूसरों लोगों को बहुत कम होती हैं। सच्चे इंसान कि पहचान दूसरों लोगों को बहुत कम होती हैं।